छोटी दिवाली 2025: शुभकामनाएं, पूजा विधि, महत्व और क्यों मनाते हैं नरक चतुर्दशी?
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छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
नरक चतुर्दशी पूजा विधि
रूप चौदस का महत्व
छोटी दिवाली कब है
छोटी दिवाली पर क्या करें क्या न करें
यम दीपदान विधि
शीर्षक: छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) 2025: पावन शुभकामनाएं, पूजा विधि, महत्व और खुशहाली के अचूक उपाय
नमस्कार दोस्तों!
प्रकाश के महापर्व दीपावली का आगमन हो चुका है। पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। धनतेरस के बाद, दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाने वाला पर्व है - छोटी दिवाली (जिसे नरक चतुर्दशी और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है)। यह दिन अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपके लिए लेकर आए हैं छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं और संदेश, साथ ही जानेंगे इस पावन पर्व की नरक चतुर्दशी पूजा विधि, इसके पीछे की पौराणिक कथाएं और वह सब कुछ जो आपको इस दिन करना चाहिए।
आइए, दीपों के इस छोटे पर्व को ज्ञान और श्रद्धा के साथ मनाएं।
1. छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी) कब है? (Chhoti Diwali Kab Hai)
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है। यह पर्व, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं, दिवाली से ठीक एक दिन पहले आता है।
छोटी दिवाली 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Chhoti Diwali 2025 Date and Shubh Muhurat):
तिथि: 19 अक्टूबर 2025, रविवार
अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त: (सूर्योदय से पूर्व)
यम दीपदान का समय: प्रदोष काल (शाम का समय)
इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना और शाम के समय यम दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
2. छोटी दिवाली का महत्व: क्यों मनाते हैं यह पर्व? (Chhoti Diwali Ka Mahatva)
छोटी दिवाली को तीन प्रमुख कारणों से मनाया जाता है, इसलिए इसे तीन अलग-अलग नाम दिए गए हैं:
1. नरक चतुर्दशी: नरकासुर पर विजय
पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुष्ट दैत्य नरकासुर का वध किया था, जिसने 16 हजार से अधिक कन्याओं को बंदी बना रखा था। नरकासुर के वध के बाद, भगवान ने उन सभी कन्याओं को मुक्त कराया। इसी विजय और मुक्ति की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है।
2. यम दीपदान: अकाल मृत्यु से मुक्ति
इस दिन संध्या के समय घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके यमराज के नाम का एक विशेष यम दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपदान विधि कहते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता और नर्क के दुखों से मुक्ति मिलती है।
3. रूप चौदस: सौंदर्य और सेहत का आशीर्वाद
इस दिन सूर्योदय से पहले उबटन लगाकर स्नान (अभ्यंग स्नान) करने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से सौंदर्य (रूप) में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य उत्तम रहता है। इसलिए इसे रूप चौदस भी कहा जाता है।
3. छोटी दिवाली की पूजा विधि (Narak Chaturdashi Puja Vidhi)
छोटी दिवाली पर मुख्य रूप से यमराज, भगवान श्री कृष्ण, मां लक्ष्मी और हनुमान जी की पूजा की जाती है।
अभ्यंग स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तिल का तेल लगाकर मालिश करें। इसके बाद उबटन और फिर स्नान करें। स्नान करते समय 'अभ्यंगं कुर्वे प्रातः नरकप्राप्तये सदा। दामोदरप्रीतये च स्नानं में भवतु सिद्धिदम्॥' मंत्र का जाप कर सकते हैं।
देवताओं की पूजा: स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान जी को इस दिन सिंदूर का चोला चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
यम दीपदान: शाम के समय, प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार पर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके, सरसों के तेल का चार मुखी (चौमुखा) दीपक जलाएं और यमराज से सुख-समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना करें। इस दिन कुल 14 दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
4. छोटी दिवाली पर क्या करें और क्या न करें? (Chhoti Diwali Par Kya Kare Kya Na Kare)
| क्या करें (Do's) | क्या न करें (Don'ts) |
| सूर्योदय से पहले अभ्यंग स्नान करें। | दिन में देर तक न सोएं, इससे दरिद्रता आ सकती है। |
| शाम के समय यम दीपदान अवश्य करें। | घर की दक्षिण दिशा को गंदा न रखें, यमराज नाराज हो सकते हैं। |
| घर में साफ-सफाई करें और टूटे-फूटे सामान को बाहर निकालें। | किसी का अपमान न करें या क्रोध/वाद-विवाद से बचें। |
| मां लक्ष्मी और श्री कृष्ण की पूजा करें। | तेल का दान न करें (तिल का तेल शरीर पर लगाना शुभ है, दान करना नहीं)। |
| गाय के गोबर से बने दीये जलाना शुभ होता है। | शाम के समय झाड़ू-पोछा या घर की सफाई न करें। |
5. छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं (Chhoti Diwali Ki Hardik Shubhkamnaye in Hindi)
यह पर्व खुशियां बांटने का है। आप इन संदेशों को अपने प्रियजनों को भेजकर छोटी दिवाली शुभकामनाएँ हिंदी में दे सकते हैं:
दीपों से आंगन सजाओ, अंधकार को दूर भगाओ, मिलकर सभी छोटी दिवाली का त्यौहार मनाओ। आपको और आपके परिवार को छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
पूजा से भरी थाली है, चारों ओर खुशहाली है, आओ मिलकर मनाएं ये दिन, आज छोटी दिवाली है। हैप्पी नरक चतुर्दशी!
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने-चांदी से भर जाए आपका घर-बार, जीवन में आएं खुशियां अपार, शुभकामना करो हमारी स्वीकार। छोटी दिवाली की बधाई!
दीपक की रोशनी और अपनों का प्यार, पटाखों की आवाज से गूंज रहा संसार, मुबारक हो आपको ये प्यारा त्योहार। हैप्पी रूप चौदस!
आपके घर में खुशियों की हो बरसात, भगवान श्रीराम का आशीर्वाद आपके साथ रहे, और आपका जीवन सदा सुखमय रहे। छोटी दिवाली की मंगल कामनाएं!
निष्कर्ष
छोटी दिवाली का यह पावन पर्व हमें याद दिलाता है कि जीवन में कितनी भी चुनौतियां या अंधकार क्यों न हो, सत्य और धर्म की एक छोटी सी लौ भी उन सभी को दूर कर सकती है। यह दिन स्वास्थ्य, सौंदर्य और अकाल मृत्यु से सुरक्षा का आशीर्वाद लेकर आता है।
आपको और आपके पूरे परिवार को छोटी दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं! यह त्योहार आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और अपार खुशियाँ लाए।
हैप्पी नरक चतुर्दशी 2025!
